"हार-जीत"
हारता रहा मैं
हर कदम पर
एक और विश्वास
संजोते रहे तुम
जीत-जीत कर
अविश्वासों की ट्राफियाँ !
हार कर भी
मेरे पास है
वेदना-लिप्त तृप्ति
पर तुमने
क्या पा ली
इस जीत अभियान से
शाँति !!
- डा0 अनिल चड्डा
हारता रहा मैं
हर कदम पर
एक और विश्वास
संजोते रहे तुम
जीत-जीत कर
अविश्वासों की ट्राफियाँ !
हार कर भी
मेरे पास है
वेदना-लिप्त तृप्ति
पर तुमने
क्या पा ली
इस जीत अभियान से
शाँति !!
- डा0 अनिल चड्डा
2 Comments:
sundar racanaa hai badhaaI
बेहतरीन!!
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