"अपना-अपना संस्कार"
मैं आदतन
उन पर भरोसा कर बैठा
उन्होने आदतन
भरपूर की दगा
पर
कैसी शिकायत
किससे शिकायत
दोनों ने ही तो किया
अपने-अपने संस्कार का निर्वाह !
मैं आदतन
उन पर भरोसा कर बैठा
उन्होने आदतन
भरपूर की दगा
पर
कैसी शिकायत
किससे शिकायत
दोनों ने ही तो किया
अपने-अपने संस्कार का निर्वाह !
1 Comments:
बिल्कुल सही !!
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